EVENTS CONVENT HIGH SCHOOL
04/02/2022 CLASS- 9 SESSION 2021-22
SUBJECT : HINDI
CHAPTER-7
मेरे बचपन के दिन
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अन्य पाठेतर हल प्रश्न
प्रश्न 1.लेखिका महादेवी वर्मा के बचपन के समय लड़कियों के प्रति समाज की सोच कैसी थी? ‘मेरे बचपन के दिन पाठ’ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
लेखिका महादेवी के बचपन अर्थात् बीसवीं शताब्दी के आसपास लड़कियों के प्रति समाज की सोच अच्छी नहीं थी। लोग लड़कियों को बोझ समझकर उनसे जल्द से जल्द छुटकारा पा लेना चाहते थे। वे लड़कियों के पैदा होते ही उन्हें मार देते थे।
प्रश्न 2.महादेवी को अपने बचपन में वह सब नहीं सहना पड़ा ज अन्य लड़कियों को सहना पड़ता था। ऐसा क्यों?
उत्तर-
महादेवी के परिवार में दो सौ वर्षों तक कोई लड़की पैदा ही नहीं हुई थी। उसके पहले लोग. लड़कियों को पैदा होते ही परमधाम भेज देते थे। लेखिका महादेवी के बाबा ने कुल-देवी दुर्गा की पूजा की तब महादेवी का जन्म हुआ। इतनी मन्नते माँगने के बाद जन्म होने के कारण महादेवी को वह सब नहीं सहना पड़ा।
प्रश्न 3.महादेवी के बाबा की सोच समाज के अन्य पुरुषों से किस तरह अलग थी?
उत्तर-
महादेवी के बाबा की सोच समाज के अन्य पुरुषों से बिल्कुल अलग थी। अन्य लोग जहाँ कन्या के पैदा होते ही उसे मार देते थे वहीं महादेवी के बाबा ने उसके पालन-पोषण पर ध्यान दिया और पढ़ा-लिखाकर विदुषी बनाना चाहा।
प्रश्न 4.महादेवी के परिवार में कौन-कौन सी भाषाएँ बोली जाती थीं? महादेवी पर किस भाषा का असर हुआ?
उत्तर-
महादेवी के परिवार में उसके बाबा फ़ारसी और उर्दू के ज्ञाता थे जबकि उसके पिता ने अंग्रेजी पढ़ी थी। हिंदी का वातावरण तो तब बना जब उसकी माँ जबलपुर से आई। वे हिंदी-संस्कृत की जानकारी थी। उनके सान्निध्य के कारण महादेवी पर हिंदी का असर हुआ और वे पंचतंत्र सीखने लगी।
प्रश्न 5.महादेवी की शिक्षा-दीक्षा में उनकी माता का क्या योगदान रहा?
उत्तर-
महादेवी की शिक्षा-दीक्षा में उनकी माता का विशेष योगदान रहा। वे हिंदी भाषी घर से आई थीं। उन्होंने महादेवी को ‘पंचतंत्र’ पढ़ना सिखाया। वे धार्मिक विचारों वाली महिला थीं। उनके साथ बैठते-बैठते महादेवी ने संस्कृत सुनाना समझना शुरू कर दिया। इस तरह उनकी पढ़ाई की शुरुआत माँ ने ही कराई।
प्रश्न 6.क्रास्थवेट गर्ल्स कॉलेज का वातावरण पढ़ाई के लिए आदर्श था। पठित पाठ के आलोक में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
क्रास्थवेट गर्ल्स कॉलेज का वातावरण बहुत अच्छा था। वहाँ विभिन्न स्थानों से लड़कियाँ पढ़ने आती थी। उनमें कुछ हिंदू भी तो कुछ ईसाई यहाँ धर्म या क्षेत्र के स्थान पर कोई भेदभाव नहीं था। सब एक ही मेस में खाती थीं, जिसमें प्याज तक नहीं प्रयोग की जाती थी। इस तरह वहाँ का वातावरण पढ़ाई के लिए आदर्श था।
प्रश्न 7.महादेवी की रुचि लेखन में उत्पन्न करने में उनकी माँ का योगदान था, स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
महादेवी की माँ हिंदी-संस्कृत की जानकार थी। वे पूजा-पाठ करने वाली धार्मिक विचारों की महिला थी। महादेवी उनके साथ पूजा पर बैठती और ध्यान से सुनती। उनकी माँ मीरा के पद गाती थी। इसे सुन-सुनकर महादेवी ने भी ब्रजभाषा में लिखना शुरू कर दिया। इस तरह उनकी माँ का विशेष योगदान था।
प्रश्न 8.सुभद्रा कुमारी ने महादेवी की काव्य प्रतिभा को निखारने में कैसे मदद की?
उत्तर-
सुभद्रा कुमारी और महादेवी वर्मा छात्रावास के एक ही कमरे में रहती थीं। सुभद्रा उनसे दो साल बड़ी थी जो कविता लेखन में प्रसिद्ध थी। महादेवी जो अब तक ब्रजभाषा में लिखती थी, सुभद्रा कुमारी को देखकर खड़ी बोली में लिखने लगी। दोनों एक साथ कविताएँ रचतीं, इससे महादेवी की काव्य प्रतिभा निखरती गई।
प्रश्न 9.जेबुन्निसा कौन थी? वह महादेवी की मदद कैसे करती थी?
उत्तर-
जेबुन्निसा कोल्हापुर से आई मराठी लड़की थी जो महादेवी के कमरे में रहने आई क्योंकि सुभद्रा छात्रावास से जा चुकी थीं। जेबुन महादेवी की डेस्क साफ़ कर देती, उनकी पुस्तकें ढंग से रख देती थी। इससे महादेवी को कविता लेखन के लिए कुछ और समय मिल जाता था। इस तरह वह महादेवी की मदद करती थी।
प्रश्न 10.उस समय विद्यालयों का वातावरण आज के वातावरण से किस तरह अलग था? ‘मेरे बचपन के दिन’- पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
उस समय विद्यालयों में सांप्रदायिकता नहीं थी। विभिन्न धर्मों के छात्र-छात्राएँ साथ-साथ पढ़ते थे। वे अपनी-अपनी भाषा में बात करते थे। एक ही मेस में खाते थे, एक ही प्रार्थना में शामिल होते थे, पर आज विद्यालयों का वातावरण वैसा नहीं रहा। अब यहाँ जाति-धर्म, संप्रदाय, भाषा, क्षेत्र आदि के आधार पर अलगाव देखा जा सकता है।
प्रश्न 12.निम्नलिखित उपसर्ग-प्रत्ययों की सहायता से दो-दो शब्द लिखिए-
उपसर्ग – अन्, अ, सत्, स्व, दुर्
प्रत्यय – दार, हार, वाला, अनीय
उत्तर-
समस्त शब्द विग्रह समास का नाम
परमधाम ‘परम धाम (घर) है जो (स्वर्ग) बहुव्रीहि
कुल-देवी कुल की देवी तत्पुरुष
पहले-पहल सबसे पहले अव्ययीभाव
पंचतंत्र पंच तंत्रों का समाहार द्विगु
उर्दू-फ़ारसी उर्दू और फ़ारसी द्वंद्व
रोने-धोने रोने और धोने द्वंद्व
कृपानिधान कृपा के निधान तत्पुरुष
प्रचार-प्रसार प्रचार और प्रसार द्वंद्व
कवि-सम्मेलन कवियों का सम्मेलन तत्पुरुष