EVENTS CONVENT HIGH SCHOOL
21/08/2021 CLASS-6 SESSION2021-22(SLOT-1)
HINDI
पाठ -2
बचपन
_______________________________________
प्रश्न 1.लेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या-क्या काम करती थी ं?
उत्तर-बचपन में इतवार की सुबह लेखिका अपने मोजे धोती थी, फिर जूतों पर पॉलिश करके उसे कपड़े या ब्रश से रगड़कर चमकाती थी।
प्रश्न 2.‘तुम्हें बताऊँगी कि हमारे समय और तुम्हारे समय में कितनी दूरी हो चुकी है।’-इस बात के लिए लेखिका क्या-क्या उदाहरण देती हैं?
उत्तर-लेखिका अपने समय से आज के समय की दूरी को बताने के लिए निम्नलिखित उदाहरण प्रस्तुत कर रही हैं-
(क) तब उन दिनों रेडियो और टेलीविज़न की जगह कुछ घरों में ग्रामोफ़ोन होते थे।
(ख) पहले कुल्फ़ी होती थी अब आइसक्रीम हो गई। कचौड़ी-समोसा अब पैटीज़ में बदल गया है।
(ग) फ़ाल्से और खसखस के शरबत के स्थान पर कोक और पेप्सी जैसे शीतल पेयों ने ले लिया है। उनके समय में कोक नहीं। लेमनेड, विमटो मिलती थी।
प्रश्न 3.पाठ से पता करके लिखो कि लेखिका को चश्मा क्यों लगाना पड़ा? चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें क्या कहकर चिढ़ाते थे?
उत्तर-लेखिका को रात में टेबल लैंप के सामने बैठकर पढ़ने के कारण उनकी नजर कमजोर हो गई थी, इस वजह से उन्हें चश्मा लगाना पड़ा। उनके चचेरे भाई चश्मा लगाने पर उन्हें छेड़ते हुए कहते थेआँख पर चश्मा लगाया ताकि सूझे दूर की यह नहीं लड़की को मालूम सूरत बनी लंगूर की!
प्रश्न 4.लेखिका अपने बचपन में कौन-कौन सी चीजें मज़ा ले-लेकर खाती थीं? उनमें से प्रमुख फलों के नाम लिखो।
उत्तर-लेखिका बचपन में चॉकलेट को बड़े मजे से खाती थी। उनको सप्ताह में एक बार चॉकलेट खरीदने की छूट थी। लेखिका चॉकलेट को साइडबोर्ड पर रख देती थी फिर बिस्तर पर लेटकर मजे से खाती थी। इसके अतिरिक्त कुल्फ़ी, शहतूत, फ़ाल्से के शरबत, चॉकलेट, पेस्ट्री तथा फल मजे ले-लेकर खाती थी। कुछ प्रमुख फल ‘काफल’ और ‘चेस्टनट’ था।
प्रश्न 1.क्रियाओं से भी भाववाचक संज्ञाएँ बनती हैं। जैसे मारना से मार, काटना से काट, हारना से हार, सीखना से सीख, पलटना से पलट और हड़पना से हड़प आदि भाववाचक संज्ञाएँ बनी हैं। तुम भी इस संस्मरण से कुछ क्रियाओं को छाँटकर लिखो और उनके भाववाचक संज्ञा बनाओ।
उत्तर क्रिया भाववाचक संज्ञा
गूंजना गूँज
उभार उभरना
दौड़ना दौड़
चढ़ना चढ़ाई
चाल चलन
गहराना गहराई
खींजना खीज़
बदलना बदलाव
प्रश्न 2.चार दिन, कुछ व्यक्ति, एक लीटर दूध आदि शब्दों के प्रयोग पर ध्यान दो तो पता चलेगा कि इसमें चार, कुछ और एक लीटर शब्द से संख्या या परिमाण का आभास होता है, क्योंकि ये संख्यावाचक विशेषण हैं। इसमें भी चार दिन से निश्चित संख्या का बोध होता है, इसलिए इसको निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं और कुछ व्यक्ति से अनिश्चित संख्या का बोध होने से इसे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। इसी प्रकार एक लीटर दूध से परिमाण का बोध होता है इसलिए इसे परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं।
अब तुम नीचे लिखे वाक्यों को पढ़ो और उनके सामने विशेषण के भेदों को लिखो-
(क) मुझे दो दर्जन केले चाहिए।
(ख) दो किलो अनाज दे दो।
(ग) कुछ बच्चे आ रहे हैं।
उत्तर-
(क) दो दर्जन- निश्चित संख्यावाचक विशेषण।
(ख) दो किलो- निश्चित परिणामवाचक विशेषण।
(ग) कुछ- अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण।
प्रश्न 3.कपड़ों में मेरी दिलचस्पियाँ मेरी मौसी जानती थीं।
इस वाक्य में रेखांकित शब्द ‘दिलचस्पियाँ’ और ‘मौसी’ संज्ञाओं की विशेषता बता रहे हैं, इसलिए ये सार्वनामिक विशेषण हैं। सर्वनाम कभी-कभी विशेषण का काम भी करते हैं। पाठ में से ऐसे पाँच उदाहरण छाँटकर लिखो।
उत्तर-(क) हम बच्चे इतवार की सुबह इसी में लगते
(ख) उन दिनों कुछ घरों में ग्रामोफ़ोन थे।
(ग) हमारा घर माल से ज्यादा दूर नहीं था।