EVENTS CONVENT HIGH SCHOOL
08/01/2022 CLASS- 6 SESSION 2021-22
SUBJECT :HINDI
CHAPTER-17
साँस-साँस में बाँस
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बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर
(क) भारत में बाँस किस प्रांत में अधिक पाया जाता है?
(i) नागालैंड
(ii) असम
(iii) मणिपुर व त्रिपुरा
(iv) उपर्युक्त सभी
(ख) बाँस इकट्ठा करने का मौसम कौन-सा है?
(i) जनवरी से मार्च
(ii) जुलाई से अक्टूबर
(iii) नवंबर एवं दिसंबर
(iv) अप्रैल से जून
(ग) बूढ़ा बाँस कैसा होता है?
(i) नरम
(ii) कमजोर
(iii) सख्त
(iv) लचीला
(घ) चंगकीचंगलनबा थे?
(i) वैज्ञानिक
(ii) लेखक
(iii) जादूगर
(iv) कारीगर
(ङ) ‘साँस-साँस में बाँस’ पाठ में किस राज्य की बात की जा रही है?
(i) मणिपुर
(ii) त्रिपुरा
(iii) असम
(iv) नागालैंड
उत्तर
(क) (iv)
(ख) (ii)
(ग) (iii)
(घ) (iii)
(ङ) (iv)
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.भारत में बाँस कहाँ-कहाँ बहुतायत से पाया जाता है?
उत्तर-
बाँस भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के सातों राज्यों-अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम व त्रिपुरा में बहुतायत से पाया जाता है। वहाँ के लोग बाँस का भरपूर उपयोग करते हैं। यह वहाँ के लोगों के पालन-पोषण का बहुत बड़ा साधन है।
प्रश्न 2.बाँस से क्या-क्या चीजें बनाई जाती हैं?
उत्तर-
बाँस से चटाइयाँ, टोकरियाँ, बरतन, बैलगाड़ियाँ, फ़र्नीचर, खिलौने, सजावटी सामान, जाल, मकान, पुल आदि चीजें बनाई जाती हैं?
प्रश्न 3.खपच्चियाँ बनाने के लिए किस प्रकार के बाँसों की आवश्यकता होती है?
उत्तर-
खपच्चियाँ ऐसे बाँसों से बनायी जाती हैं जो सख्त न हों, क्योंकि सख्त बाँस टूट जाते हैं। बूढ़े बाँस सख्त होते हैं। एक से तीन वर्ष की उम्र वाले बाँस लचीले होते हैं। ऐसे बाँस खपच्चियाँ बनाने के लिए बहुत उपयोगी होते हैं।
प्रश्न 4.बूढ़े बाँस की क्या पहचान है?
उत्तर-
तीन साल से अधिक आयु का बाँस बूढ़ा माना जाता है। बूढ़ा बाँस सख्त होता है जिसके कारण बहुत जल्दी टूट जाता है।
लघुउत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.जादूगर चंगकीचंगलनबा की कब्र के साथ क्या किस्सा जुड़ा है?
उत्तर-
एक जादूगर थे-चंगकीचंगलनबा। अपने जीवन में उन्होंने कई बड़े-बड़े करतब दिखलाए। जब वे मरने को हुए तो लोगों से बोले, मुझे दफ़नाए जाने के छठे दिन मेरी कब्र खोदकर देखोगे तो कुछ नया-सा पाओगे। कहा जाता है कहे मुताबिक मौत के छठे दिन उनकी कब्र खोदी गई और उसमें से निकले बाँस की टोकरियों के कई सारे डिज़ाइन। लोगों ने उन्हें देखा, पहले उनकी नकल की और फिर नई डिज़ाइने भी बनाई।
प्रश्न 2.
बाँस की बुनाई कैसे होती है?
उत्तर-
बाँस की बुनाई वैसी ही होती है जैसे कोई और बुनाई। पहले खपच्चियों को आड़ा-तिरछा रखा जाता है, फिर बाने को। बारी-बारी से ताने से ऊपर-नीचे किया जाता है। इससे चेक का डिजाइन बनता है। पलंग की निवाड़ की बुनाई की तरह। टोकरी के सिरे पर खपच्चियों को या तो चोटी की तरह गूंथ लिया जाता है या फिर कटे सिरों को नीचे की ओर मोड़कर फँसा दिया जाता है।
प्रश्न 3.खपच्चियों कोकिस प्रकार से रंगा जाता है?
उत्तर-
खपच्चियों को गुड़हल के फूलों व इमली की पत्तियों आदि के रस से रंगा जाता है। काले रंग के लिए खपच्चियों को आम की छाल में लपेटकर मिट्टी में दबाकर रखा जाता है।
प्रश्न 4.किस मौसम में लोगों के पास खाली वक्त होता है? ऐसे मौसम में वे क्या करते हैं?
उत्तर-
जुलाई से अक्टूबर के महीनों में खूब वर्षा होती है। बारिश के इस मौसम में लोगों के पास बहुत खाली समय होता है। इस समय में लोग जंगलों में बाँस इकट्ठा कर सकते हैं।
प्रश्न 5.खपच्चियों को तैयार करने में किस बात का ध्यान रखा जाता है?
उत्तर-
खपच्चियों के लिए ऐसे बाँसों को चुना जाता है जिनमें गाँठ-गाँठ दूर-दूर होती है। दाओ यानी चौड़े चाँद जैसी फाल वाले चाकू से इन्हें छीलकर खपच्चियाँ तैयार की जाती हैं। खपच्चियों की लंबाई पहले से ही तय कर ली जाती है; जैसे-आसन जैसी छोटी चीजें बनाने के लिए बाँस को हरेक गठान से काटा जाता है। येकरी बनाने के लिए लगभग दो या तीन गठानों वाली लंबी खपच्चियाँ काटी जाती हैं। यह इस बात पर निर्भर करती है कि टोकरी की लंबाई कितनी है।