EVENTS CONVENT HIGH SCHOOL
10/01/2022 CLASS- 9 SESSION 2021-22
SUBJECT :HINDI
CHAPTER-16
यमराज की दिशा
______________________________________
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.कवि को ऐसा अनुभव क्यों हुआ कि उसकी माँ की ईश्वर से बातचीत होती रहती है? ‘यमराज की दिशा’ कविता के आधार पर लिखिए।
उत्तर-
कवि की माँ अपने कार्य व्यवहार से यह जताती रहती थी कि ईश्वर से वह बातचीत करती है और उसी की सलाह से जीवन की कठिनाइयों को सरलता से पारकर जाती है इसलिए कवि को ऐसा अनुभव हुआ कि उसकी माँ की ईश्वर से बातचीत होती रहती है।
प्रश्न 2.‘यमराज की दिशा’ कविता में माँ ने कवि को जो भय दिखाया है। वह कितना सार्थक था?
उत्तर-
‘यमराज की दिशा’ कविता में माँ ने कवि को जो भय दिखाया था, वह पूरी तरह सार्थक था। इसी भय के कारण कवि को दक्षिण दिशा का ज्ञान हो गया और वह दक्षिण दिशा में कभी भी पैर करके नहीं सोया।
प्रश्न 3.कवि की माँ को जीवन जीने के रास्ते कहाँ से प्राप्त होते थे? ‘यमराज की दिशा’ कविता के आधार पर लिखिए।
उत्तर-
कवि की माँ को जीवन जीने के रास्ते ईश्वर से हुई बातचीत और उससे प्राप्त सलाहों से प्राप्त होते थे। इन्हीं सलाहों के सहारे वह जीवन के रास्ते में आने वाली कठिनाइयों को आसानी से पार करती जा रही थी।
प्रश्न 4.कवि ने बचपन में माँ से किसका पता पूछा था और क्यों? ‘यमराज की दिशा’ पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर-
कवि ने बचपन में माँ से यमराज के घर का पता पूछा था क्योंकि कवि को माँ ने बता दिया था कि दक्षिण की ओर पैर करके मत सोना। इसी दिशा में मृत्यु के देवता यमराज का घर है।
प्रश्न 5.‘यमराज की दिशा’ कविता में कवि दक्षिण दिशा में दूर तक गया फिर भी वह यमराज का घर क्यों नहीं देख पाया?
उत्तर-
कवि दक्षिण दिशा में दूर-दूर तक गया फिर भी वह यमराज को घर नहीं देख पाया क्योंकि माँ की सीख के अनुसार, यमराज दक्षिण दिशा में रहता है परंतु दक्षिण दिशा का कोई अंत नहीं है। दूर-दूर तक जाने पर भी न दक्षिण दिशा का अंत हुआ और न कवि यमराज का घर देख पाया।
प्रश्न 6.दक्षिण दिशा का प्रतीकार्थ क्या है? यह दिशा जनसाधारण के लिए शुभ क्यों नहीं होती है?
उत्तर-
दक्षिण दिशा का प्रतीकार्थ है दक्षिणपंथी विचारधारा, जिसमें आम इनसान के हित के लिए कोई स्थान नहीं है। इस विचारधारा के लोग जन साधारण का शोषण करते हैं तथा उनके जीवन के लिए खतरा उत्पन्न करते हैं, इसलिए जन साधारण के लिए यह दिशा शुभ नहीं है।
प्रश्न 7.‘सभी दिशाओं में यमराज के आलीशान महल हैं’ ऐसा कहकर कवि ने किस ओर संकेत किया है?
उत्तर-
‘सभी दिशाओं में यमराज के आलीशान महल हैं’ के माध्यम से कवि ने समाज में फैली शोषण व्यवस्था और शोषणकर्ताओं के कुकृत्यों की ओर संकेत करना चाहा है। आज जीवन के सभी क्षेत्रों में शोषणकर्ताओं का बोलबाला है जिनके चंगुल से आम आदमी का बच पाना कठिन है।
प्रश्न 8.कवि को माँ की याद कब आई और क्यों?
उत्तर-
यमराज को घर का पता जानने के लिए जब कवि दूर-दूर तक गया तब उसे दक्षिण के वास्तविक खतरों का अनुभव हुआ तब उसे माँ की सीख की याद आई। यह याद उसे इसलिए आई क्योंकि माँ ने इन खतरों के प्रति उसे बचपन में ही आगाह करा दिया था।
प्रश्न 9.आज यमराज का वास कहाँ-कहाँ दिखाई पड़ता है? वे वहाँ किस रूप में दिखाई देते हैं?
उत्तर-
आज यमराज का वास केवल दक्षिण दिशा में ही न होकर हर दिशा में दिखाई पड़ता है। यमराज शोषणकारी शक्तियों और शोषणकर्ताओं को कहा गया है। ये दूसरों का शोषण करके, उनके हक छीनकर शक्तिशाली हो गए हैं। वे आलीशान महलों में रहते हैं। वे क्रोध, घृणा, आक्रोश, हिंसा, क्रूरता भरी लाल आँखों से भयानक रूप में दिखाई देते हैं।
प्रश्न 10.माँ द्वारा कवि को जो सीख दी गई, उसे उसने अक्षरशः क्यों मान लिया होगा? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर-
माँ द्वारा कवि को जो सीख दी गई उसे उसने अक्षरशः इसलिए मान लिया होगा क्योंकि कवि उस समय बच्चा था। कवि को माँ की सीख में अपनी भलाई नज़र आई होगी। इसके अलावा माँ ने यमराज को क्रोधित करने का संभावित परिणाम भी कवि को समझा दिया था।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.कवि की माँ ने उसे जो सीख दी थी उसकी परिधि आज किस तरह विस्तृत हो गई है? ‘यमराज की दिशा’ कविता के आधार पर लिखिए।
उत्तर-
कवि की माँ ने कवि को सीख दी थी कि दक्षिण की ओर पैर करके मत सोना। दक्षिण दिशा में यमराज रहता है। वह मृत्यु का देवता है। उसे क्रुद्ध करना बुद्धिमानी की बात नहीं क्योंकि इससे जान का खतरा हो सकता है। तब कवि बच्चा था। उसने माँ की सीख मानकर दक्षिण दिशा में पैर करके नहीं सोया।
माँ ने कवि को बताया था कि यमराज रूपी शोषणकारी शक्तियाँ दक्षिण में रहती हैं परंतु कवि ने बाद में देखा कि अब तो यमराज का घर केवल दक्षिण में ही नहीं, बल्कि हर दिशा में है। उनके आलीशान महल कहीं भी देखे जा सकते हैं। वे क्रूरता से लोगों का शोषण करने को तैयार हैं। इस प्रकार माँ द्वारा दी गई सीख की परिधि विस्तृत हो गई।