Wednesday, September 8, 2021

Class-7 Subject-HINDI CHAPTER-9 चिड़िया की बच्ची

 EVENTS CONVENT HIGH SCHOOL
08/09/2021      CLASS-7       SESSION 2021-22

HINDI (CHAPTER-9)


चिड़िया की बच्ची
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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

कहानी से
प्रश्न 1.किन बातों से ज्ञात होता है कि माधवदास का जीवन संपन्नता से भरा था और किन बातों से ज्ञात होता है कि वह सुखी नहीं था?

उत्तर-
माधवदास की बड़ी कोठी, सुंदर बगीचा, रहने का ठाठ-बाट रईसों जैसा था। चिड़िया के साथ वार्तालाप में कहना कि तेरा सोने का पिंजरा बनावा दूंगा और उसे मालामाल कर देने की बात कहता है। इसके अलावा वह स्वयं स्वीकार करता है। कि उसके पास कई कोठियाँ, बगीचे और नौकर-चाकर हैं। इन बातों से उसकी संपन्नता का पता चलता है। इसके अलावे वह अकेलेपन को दूर करने के लिए चिड़िया के साथ रहने के लिए मजबूर था, यह बात दर्शाता है कि सारी सुविधाओं के बाद भी वह सुखी नहीं था।

प्रश्न 2.माधवदास क्यों बार-बार चिड़िया से कहता है कि यह बगीचा तुम्हारा ही है? क्या माधवदास निस्वार्थ मन से ऐसा कह रहा था? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
माधवदास चिड़िया से बार-बार इसलिए कहता है क्योंकि उसे चिड़िया बहुत सुंदर और प्यारी लगी। वह चाहता है कि वह चिड़िया सदा के लिए बगीचे में रह जाए। यही कारण है कि बार-बार यह बात दुहराता है कि बगीचा तुम्हारा ही है।

माधवदास का ऐसा कहना पूरी तरह से निस्स्वार्थ मन से नहीं था। वह चिड़िया को महल में पिंजरे में बंद करके रखना चाहता था ताकि अपनी इच्छा से उसकी सुंदरता को निहार सके और उसका चहचहाना सुन सके।

प्रश्न 3.माधवदास के बार-बार समझाने पर भी चिड़िया सोने के पिंजरे और सुख-सुविधाओं को कोई महत्त्व नहीं दे रही थी। दूसरी तरफ़ माधवदास की नज़र में चिड़िया की जिद का कोई तुक न था। माधवदास और चिड़िया के मनोभावों के अंतर क्या-क्या थे? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर
माधवदास बार-बार चिड़िया को सोने के पिंजरे व सुख-सुविधाओं का लालच देता है लेकिन चिड़िया इन बातों को कोई महत्त्व नहीं देती, उसे तो स्वच्छंदता ही पसंद है। उसे माधवदास के सुंदर बगीचे में रहना भी पसंद नहीं है। वह अपने परिवार से भी अलग नहीं होना चाहती। शाम होते ही उसे माँ के पास जाने की जल्दी होती है। वह तो केवल घूमना ही चाहती है, बंधन में रहना उसका स्वभाव नहीं।

दूसरी तरफ माधवदास की नजर में चिड़िया की ज़िद का कोई तुक न था वे तो केवल अपने बगीचे की शोभा बढ़ाने हेतु उस चिड़िया को पकड़ना चाहते थे। वे उसे सोने के पिंजरे व अन्य सामानों का प्रलोभन भी देते हैं लेकिन चिड़िया के लिए सब चीजें कोई महत्त्व नहीं रखतीं।

प्रश्न 4.कहानी के अंत में नन्ही चिड़िया का सेठ के नौकर के पंजे से भाग निकलने की बात पढ़कर तुम्हें कैसा लेगा? चालीस-पचास या इससे कुछ अधिक शब्दों में अपनी प्रतिक्रिया लिखिए।
उत्तर-
कहानी के अंत में नन्ही चिडिया का सेठ के नौकर के पंजे से भाग निकलने की बात पढ़कर मुझे आपार खुशी हुई, क्योंकि माधवदास उसे अत्यधिक प्रलोभन देते हैं कि चिड़िया उसके पास रह जाए पर चिड़िया नहीं मानती। अंत में वह उसे अपने नौकर से पकड़वाना चाहता है लेकिन चिड़िया भाग निकली। यदि माधवदास चिड़िया को पकड़वाने में सफल हो जाता तो चिडिया का शेष जीवन कैदी के रूप में व्यतीत होती। उसकी आजादी समाप्त हो जाती उसका परिवार उससे बिछड़ जाता। उसकी स्वच्छंदता हँसी-खुशी समाप्त हो जाती। अत: मेरी संवेदना चिड़िया के प्रति बहुत अधिक है। चिड़िया उसे स्वार्थी माधवदास के चुंगल से बच निकलने में सफल हुई।

प्रश्न 5.‘माँ मेरी बाट देखती होगी’-नन्ही चिड़िया बार-बार इसी बात को कहती है। आप अपने अनुभव के आधार पर बताइए कि हमारी जिंदगी में माँ का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
हमारी जिंदगी में माँ का महत्त्वपूर्ण स्थान है। माँ दुख-सुख में सदैव अपने बच्चों के साथ रहती है। माँ हमारे जीवन की सभी परेशानियों को दूर करते हुए सारे दुखों और कष्टों को स्वयं झेल जाना चाहती है। हमारा पालन-पोषण करती है, हमें सभी सुख-सुविधाएँ उपलब्ध कराती है तथा दुख की घड़ी में ढाढ़स बँधाती है। माँ का स्नेह और आशीर्वाद बच्चे की सफलता में योगदान देता है। अतः हम माँ के ऋण से उऋण नहीं हो सकते। यही कारण है कि जब चिड़िया को माधवदास के घर देर होने लगती है तो रह-रहकर वह यही कहती है कि माँ इंतजार करती होगी।

प्रश्न 6.इस कहानी का कोई और शीर्षक देना हो तो आप क्या देना चाहेंगे और क्यों?
उत्तर
इस कहानी हेतु ‘नन्हीं चिड़िया’ शीर्षक पूर्णतया उपयुक्त रहेगा क्योंकि वह छोटी चिड़िया है। स्वभावानुसार थोड़ा बहुत घूमना ही जानती है। जब माधवदास का नौकर उसे पकड़ने लगता है तो वह बहुत डर गई। वह इतनी तेजी से उड़ती है कि सीधा माँ की गोद में आकर रुकी और सारी रात उससे चिपककर सोती रही। वास्तव में वह छोटे बच्चे की भाँति ही डर जाती है और बच्चा माँ की गोद में ही अपने-आप को सुरक्षित महसूस करता है वैसा ही ‘नन्हीं चिडिया’ ने भी किया।

कहानी से आगे

प्रश्न 1.इस कहानी में आपने देखा कि वह चिड़िया अपने घर से दूर आकर भी फिर अपने घोंसले तक वापस पहुँच जाती है। मधुमक्खियों, चींटियों, ग्रह-नक्षत्रों तथा प्रकृति की अन्य विभिन्न चीजों में हमें एक अनुशासनबद्धता देखने को मिलती है। इस तरह के स्वाभाविक अनुशासन का रूप आपको कहाँ-कहाँ देखने को मिलता है? उदाहरण देकर बताइए।
उत्तर-
पशु-पक्षी-पशु-पक्षी दिन भर कहीं भी विचरण करते रहें, लेकिन शाम होते-होते वे अपने घरौंदे में लौट आते हैं।
सूर्य-सूर्य अपने निश्चित समय पर निकलता है और छिपता है। वह एक दिन के लिए भी अनुपस्थित नहीं होता है। चंद्रमा की भी यही स्थिति है।
दिन-रात का क्रम-प्रकृति में दिन-रात का एक क्रम बना हुआ है। इसमें थोड़ा भी परिवर्तन नहीं होता है।

प्रश्न 2.सोचकर लिखिए कि यदि सारी सुविधाएँ देकर एक कमरे में आपको सारे दिन बंद रहने को कहा जाए तो क्या आप स्वीकार करेंगे? आपको अधिक प्रिय क्या होगा-‘स्वाधीनता’ या ‘प्रलोभनोंवाली पराधीनता’? ऐसा क्यों कहा जाता है कि पराधीन व्यक्ति को सपने में भी सुख नहीं मिल पाता। नीचे दिए गए कारणों को पढ़े और विचार करें-
(क) क्योंकि किसी को पराधीन बनाने की इच्छा रखनेवाला व्यक्ति स्वयं दुखी होता है, वह किसी को सुखी नहीं कर सकता।
(ख) क्योंकि पराधीन व्यक्ति सुख के सपने देखना ही नहीं चाहता।
(ग) क्योंकि पराधीन व्यक्ति को सुख के सपने देखने का भी अवसर नहीं मिलता।।

उत्तर
सारी सुविधाएँ प्राप्त करके भी हम एक कमरे में रहना स्वीकार नहीं करेंगे। हमें सदा स्वाधीनता’ ही प्रिय होगी न कि ‘प्रलोभनवाली पराधीनता’ क्योंकि पराधीनता का अर्थ है ‘पर के आधीन’ अर्थात् अपनी इच्छा से नहीं दूसरे की इच्छा से कार्य करना।
विशेष – अगले भाग का कार्य विद्यार्थियों के स्वयं करने हेतु।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.आपने गौर किया होगा कि मनुष्य, पशु, पक्षी-इन तीनों में ही माँएँ अपने बच्चों का पूरा-पूरा ध्यान रखती हैं। प्रकृति की इस अद्भुत देन का अवलोकन कर अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर-
माँ का वात्सल्य प्रेम और ममत्व की भावना मनुष्यों, जानवरों एवं पशु पक्षियों में भी पाई जाती है। मनुष्यों में माताएँ नौ (9) महीने तक बच्चे को अपने गर्भ में धारण करती हैं, फिर अत्यंत पीड़ा सहकर बच्चों को जन्म देती हैं। बच्चे के लिए। माँ हमेशा फिक्रमंद बनी रहती हैं। माँ का अपने बच्चे से ममता और वात्सल्य का यह रिश्ता इतना गहरा है कि प्रत्येक प्राणी में इसके दर्शन होते हैं। चाहे मनुष्य हो या पशु, अपने बच्चे के लिए माताएँ किसी से भी लड़ सकती हैं।

भाषा की बात

प्रश्न 1.पाठ में पर शब्द के तीन प्रकार के प्रयोग हुए हैं
(क) गुलाब की डाली पर एक चिड़िया आन बैठी।
(ख) कभी पर हिलाती थी।
(ग) पर बच्ची काँप-काँपकर माँ की छाती से और चिपक गई।
• तीनों ‘पर’ के प्रयोग तीन उद्देश्यों से हुए हैं। इन वाक्यों का आधार लेकर आप भी ‘पर’ का प्रयोग कर ऐसे तीन वाक्य बनाइए जिसमें अलग-अलग उद्देश्यों के लिए ‘पर’ के प्रयोग हुए हों।

उत्तर-
(क) पर-के ऊपर – छत के ऊपर बंदर बैठा है।।
(ख) पर-पंख – कबूतर के बच्चे के पर निकल आए।
(ग) पर-लेकिन – मैं स्टेशन गया था पर ट्रेन निकल चुकी थी।

प्रश्न 2.पाठ में तैने, छनभर, खुश करियो-तीन वाक्यांश ऐसे हैं जो खड़ीबोली हिंदी के वर्तमान रूप में तूने, क्षणभर, खुश करना लिखे-बोले जाते हैं लेकिन हिंदी के निकट की बोलियों में कहीं-कहीं इनके प्रयोग होते हैं। इस तरह के कुछ अन्य शब्दों की खोज कीजिए।
उत्तर
मनैं         –   मैंने
ले लियो   –   ले लेना
दियो       –   देना
खानां      –    खाना


Class-6 Subject-HINDI CHAPTER-5 अक्षरों का महत्व,

 EVENTS CONVENT HIGH SCHOOL

08/09/2021                        CLASS-6                  SESSION 2021-22

HINDI (CHAPTER-5)

 अक्षरों का महत्व, 

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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

निबंध से

प्रश्न 1.पाठ में ऐसा क्यों कहा गया है कि अक्षरों के साथ एक नए युग की शुरुआत हुई?
उत्तर-अक्षरों की खोज के साथ एक नए युग की शुरुआत हुई। अब आदमी अपने हिसाब-किताब को लिखकर रखने लगा, जिससे वह ‘सभ्य’ कहा जाने लगा। आदमी के लिखना आरंभ करने से ही इतिहास का आरंभ हुआ और एक पीढ़ी के विचार दूसरी पीढ़ी तक पहुँचने लगे। इसी के साथ विकास गति तेज़ हुई। इस प्रकार एक नए युग की शुरुआत हुई।

प्रश्न 2.अक्षरों की खोज का सिलसिला कब और कैसे शुरू हुआ? पाठ पढ़कर उत्तर लिखो।
उत्तर-अक्षरों की खोज का सिलसिला लगभग छह हजार वर्ष पहले शुरू हुआ। इससे पहले व्यक्ति चित्रों के द्वारा अपने भाव व्यक्त करता था। जैसे पशु-पक्षियों, आदमियों के चित्र। बाद में भाव-संकेत अस्तित्व में आए। इसके बाद अक्षरों की खोज

प्रश्न 3.अक्षरों के ज्ञान से पहले मनुष्य अपनी बात को दूर-दराज के इलाकों तक पहुँचाने के लिए किन-किन माध्यमों का सहारा लेता था?
उत्तर-मनुष्य अक्षरों की खोज करने से पूर्व अपने संदेशों को दूर-दराज के इलाकों तक पहुँचाने के लिए चित्रों का सहारा लेता था। वह पशु-पक्षियों, आदमियों तथा अन्य वस्तुओं के चित्र बनाकर अपनी बात दूर-दूर के इलाकों में पहुँचाता था। बाद में इन चित्रों ने भाव संकेतों का रूप ले लिया और मनुष्य इनके माध्यम से अपनी बात पहुँचाने लगा।

निबंध से आगे

प्रश्न 1.अक्षरों के महत्त्व की तरह ध्वनि के महत्त्व के बारे में जितना जानते हो, लिखो।
उत्तर-अक्षरों द्वारा लिखकर अपने भाव व्यक्त किए जाते हैं और ध्वनियों द्वारा बोलकर। अक्षर और ध्वनि भाषा के दोनों रूपों-लिखित और मौखिक भाषा के मुख्य आधार स्तंभ हैं। अक्षरों के बिना लिखा नहीं जा सकता और ध्वनियों के बिना बोलने की कल्पना नहीं की जा सकती है। कान से सुनी गई प्रत्येक आवाज ध्वनि कहलाती है। अपनी भाषा की सार्थक ध्वनियों के उच्चारण द्वारा ही हम अपना भाव व्यक्त करते हैं इसलिए अक्षरों के समान ही ध्वनियाँ महत्वपूर्ण हैं।

प्रश्न 2.हर वैज्ञानिक खोज के साथ किसी-न-किसी वैज्ञानिक का नाम जुड़ा होता है, लेकिन अक्षरों के साथ ऐसा नहीं है, क्यों? पता करो और शिक्षक को बताओ।
उत्तर-यह सत्य है कि हर वस्तु के आविष्कार में किसी न किसी वैज्ञानिक का योगदान रहता है, लेकिन अक्षरों की खोज किसी व्यक्ति विशेष की देन नहीं है। यह मानव जाति के सम्मिलित प्रयास का फल है। अक्षरों का विकास अनेक वर्षों के प्रयास एवं अभ्यास के फलस्वरूप हुआ। इसको किसी एक व्यक्ति ने आविष्कार नहीं किया। अतः इसके साथ किसी वैज्ञानिक का नाम नहीं जुड़ पाया।

प्रश्न 3.एक भाषा को कई लिपियों में लिखा जा सकता है। उसी तरह कई भाषाओं को एक ही लिपि में लिखा जा सकता है। नीचे एक ही बात को अलग-अलग भाषाओं में लिखा गया है। इन्हें ध्यान से देखो और इनमें दिए गए वर्गों की मदद से कोई नया शब्द बनाने की कोशिश करो
उत्तर-
NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 5 अक्षरों का महत्व Q4

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.पुराने ज़माने में लोग यह क्यों सोचते थे कि अक्षर और भाषा की खोज ईश्वर ने की थी? अनुमान लगाओ और बताओ?
उत्तर-
पुराने जमाने के लोग नहीं जानते थे कि अक्षरों की खोज किसने की है। उनका ज्ञान सीमित था। उनकी ईश्वर के प्रति निष्ठा अधिक थी। उन्हें यह भी अनुमान नहीं रहा होगा कि अक्षरों की खोज मानव भी कर सकता है। वे ईश्वर को सर्वशक्तिमान मानते थे। पुराने जमाने के लोगों का विचार रहा होगा कि मानव इतना ज्ञानवान नहीं हो सकता कि वह अक्षरों की खोज कर सकता है। इसलिए वे सोचते होंगे कि अक्षरों की खोज ईश्वर ने की थी।

प्रश्न 2.अक्षरों के महत्त्व के साथ ही मनुष्य के जीवन के गीत, नृत्य और खेलों का भी महत्व है। कक्षा में समूह में बातचीत करके उनके महत्त्व के बारे में जानकारी इकट्ठी करो और कक्षा में प्रस्तुत करो।
उत्तर-
जीवन में गीत, नृत्य और खेलों का भी बहुत महत्त्व है। गीत, नृत्य हमारा सांस्कृतिक विकास करते हैं। संगीत में तीन विद्याएँ शामिल हैं-गायन, ताल-सुर और नृत्य। संगीत को श्रेष्ठ कलाओं में रखा गया है। इसी प्रकार खेल-कूद को भी मानवीय विकास में महत्त्वपूर्ण माना गया है। इनकी मदद से हम अपनी अभिव्यक्ति को पूर्णता देते हैं। खेलों से हम स्वस्थ रहते हैं और हमारा शारीरिक और मानसिक विकास होता है। खेल हममें सहयोग, एकजुटता, सहनशीलता, नेतृत्व गुण आदि को विकसित करते हैं।

प्रश्न 3.क्या होता अगर…
(क) हमारे पास अक्षर न होते
(ख) भाषा न होती

उत्तर-
(क) अगर हमें अक्षरों का ज्ञान न होता तो हम आज भी हज़ारों वर्ष पहले वाली दुनिया में भटकते। भावों, विचारों को लिखकर व्यक्त न कर पाते। तब हम अपना ज्ञान अगली पीढ़ी तक नहीं पहुँचा पाते और हमारा पूर्ण विकास नहीं हो पाता। हम वहाँ तक नहीं पहुँच पाते, जहाँ आज हैं। भाषा भावों को प्रकट करने का साधन है।

(ख) भाषा नहीं होती तो हम अपने विचारों को न तो बोलकर और न लिखकर दूसरों पर प्रकट कर पाते। हमारा सामाजिक दायरा बढ़ नहीं पाता और अलगाव बना रहता। जैसे पशु साथ रहकर भी अलग रहते हैं, वैसी स्थिति मनुष्य की भी होती।

भाषा की बात

प्रश्न 1.अनादि काल में रेखांकित शब्द का अर्थ है जिसकी कोई शुरु आत या आदि न हो। यह शब्द मूल शब्द के शुरू में कुछ जोड़ने से बना है। इसे उपसर्ग कहते हैं। इन उपसर्गों को अलग करके मूल शब्दों को लिखकर उनका अर्थ समझो-
असफल ……….
अदृश्य …………
अनुचित ……….
अनावश्यक ………
अपरिचित ………..
अनिच्छा …………

उत्तर
NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 5 अक्षरों का महत्व Q1

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 5 अक्षरों का महत्व Q1.1

Tuesday, September 7, 2021

Class 8 Sub:SOCIAL SCIENCE (CIVIC) CHAPTER-5 THE JUDICIARY


EVENTS CONVENT HIGH SCHOOL
07/09/2021                     CLASS-8                SESSION 2021-22
SOCIAL SCIENCE CIVIC
CHAPTER-5
THE JUDICIARY 
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EXPLANATINO PART-1




EXPLANATION PART-2


Question 1 What do you understand by the word ‘law’?

Solution:Law is a system of rules, usually imposed through a Government or Institution and is applied to govern a group people. It shapes politics, economics and society in numerous ways.

Question 2 What does judiciary mean?
Solution:
In law, the judiciary or judicial system is the system of courts which administers justice in the name of the state. It is the mechanism for the resolution of disputes and pronouncement of punishment. As an organ of the State, the judiciary plays a crucial role in the functioning of India’s democracy.

Question 3 How is the work of the judiciary categorised?
Solution:
The Judiciary comprises of courts that take decisions on a very large number of issues. The work of the judiciary can be divided into 3 categories, namely Dispute Resolution, Judicial Review and upholding the Law and Enforcing Fundamental Rights.

Question 4 Write a brief note on the independence of the judiciary.
Solution:

The Judiciary of India is an independent body. It is separate from the Executive and Legislative bodies of the Indian Government. The Executive and Legislature, that is the Central and State Governments, cannot interfere in the work of the judiciary.
The courts are not under the government and do not act on their behalf.
Judges in the High Court as well as the Supreme Court are appointed by the President with very little interference from the other branches of the government. It is also very difficult to remove a judge from his post.

Question 5 What is the structure of the judicial system of India?
Solution:
The judicial system of India is stratified into various levels. At the apex is the Supreme Court, which is followed by High Courts at the state level, District Courts at the district level and Lok Adalats at the Village and Panchayat Level.
The structure of the courts from the lower to the highest level resembles a pyramid.

Question 6 What is the ‘appellate system’?
Solution:
An appellate court, commonly called an appeals court or court of second instance is any court of law that is empowered to hear an appeal of a trial court or other lower tribunal. In most jurisdictions, the court system is divided into at least three levels: the trial court, which initially hears cases and reviews evidence and testimony to determine the facts of the case; at least one intermediate appellate court; and a supreme court which primarily reviews the decisions of the intermediate courts. A jurisdiction’s supreme court is that jurisdiction’s highest appellate court.Appellate courts nationwide can operate by varying rules.
The authority of appellate courts to review decisions of lower courts varies widely from one jurisdiction to another. In some places, the appellate court has limited powers of review. “Generally speaking, an appellate court’s judgment provides ‘the final directive of the appeals courts as to the matter appealed, setting out with specificity the court’s determination that the action appealed from should be affirmed, reversed, remanded or modified'”.

Question 7 Mention the branches of the Legal system.
Solution: 
The Legal system can be divided into 2 branches, criminal law and civil law.


Question-8What is “Public interest Litigation”?
Solution:
“Public interest Litigation” or PIL is a litigation filed in a court of law, for the protection of “Public Interest”, such as pollution, terrorism, road safety, constructional hazards etc.
PIL can be filed for the following reasons:

  1. Violation of basic human rights of the poor
  2. Content or conduct of government policy
  3. Compel municipal authorities to perform a public duty
  4. Violation of religious rights or other basic fundamental rights
  5. Any individual or organisation can file a PIL in the High Court or the Supreme
  6. Court on behalf of those whose rights are being violated. It is not necessary, that the person filing a case should have a direct interest in the case.