Saturday, August 7, 2021

Class-7 Subject-Hindi पाठ -1 हम पंछी उन्मुक्त गगन के

 

EVENTS CONVENT HIGH SCHOOL
07/08/2021          CLASS-7                 SESSION2021-22(SLOT-1)
HINDI
पाठ -1  
हम पंछी उन्मुक्त गगन के

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Explanation Hindi chapter-1

अन्य पाठेतर है हल प्रश्न

बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर
() ‘हम पंछी उन्मुक्त गगन केपाठ के रचयिता हैं
(i)
भवानी प्रसाद मिश्र
(ii)
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
(iii)
शिवमंगल सिंहसुमन’(√)
(iv)
महादेवी वर्मा

() पक्षी कहाँ का जल पीना पसंद करते हैं?
(i)
नल का जल
(ii)
वर्षा का जल
(iii)
नदी-झरनों का जल(√)
(iv)
पिंजरे में रखी कटोरी का जल

() बंधन किसका है?
(i)
स्वर्ण का
(ii)
श्रृंखला का
(iii)
स्वर्ण श्रृंखला का(√)
(iv)
मनुष्य का

() लंबी उड़ान में क्या-क्या संभावनाएँ हो सकती थीं?
(i)
क्षितिज की सीमा मिल जाती
(ii)
साँसों की डोरी तन जाती
(iii)
ये दोनों बातें हो सकती थीं(√)
(iv)
कुछ नहीं होता

() पक्षी क्यों व्यथित हैं?
(i)
क्योंकि वे बंधन में हैं।
(ii)
क्योंकि वे आसमान की ऊँचाइयाँ छूने में असमर्थ हैं।
(iii)
क्योंकि वे अनार के दानों रूपी तारों को चुगने में असमर्थ हैं।
(iv)
उपर्युक्त सभी(√)

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

() इस कविता तथा कवि का नाम लिखिए।
उत्तर-कविता का नाम- ‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के
कवि का नाम- शिवमंगल सिंहसुमन

() पक्षी कैसा जीवन जीना चाहते हैं?
उत्तर-पक्षी एक स्वतंत्र जीवन जीना चाहते हैं।

() पक्षी ऊँची उड़ान के लिए क्या-क्या बलिदान देते हैं?
उत्तर-पक्षी ऊँची उड़ान के लिए अपना घोंसला, डाली का सहारा आदि सब कुछ न्योछावर करने को तैयार हैं। उनका मानना है। कि ईश्वर ने उन्हें सुंदर पंख दिए हैं इसलिए उनकी उड़ान में कोई बाधक बनें।

() अपनी किन इच्छाओं को पूरा करने के लिए पिंजरे से आजाद होने के लिए व्याकुल हैं।
उत्तर-पक्षी नदी-झरनों का बहता जल पीने, तेज़ गति से उड़ान भरने नीले आसमान की सीमा तक उड़ने, पेड़ की फुनगी पर झूलने, कड़वी निबौरियाँ खाने और अनार रूपी दाने चुगने के लिए पिंजरे के बाहर निकलने के लिए व्याकुल होते हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न

() पिंजरे में पक्षियों को क्या-क्या कष्ट है?
उत्तर-पिंजरे में पक्षी खुले आसमान में उड़ान नहीं भर सकते, नदी-झरनों का बहता जल नहीं पी सकते, कड़वी निबौरियाँ नहीं खा सकते, फुदक नहीं सकते, अपने पंख नहीं फैला सकते, अनार के दानों रूपी तारों को चुग नहीं सकते। इसके अतिरिक्त पिंजरे में पक्षियों को वह वातावरण नहीं मिलता, जिसमें रहने के वे आदी हैं।

() पक्षियों के सपने और अरमान क्या हैं?
उत्तर-पक्षियों का सपना है कि वह वृक्ष की सबसे ऊँची फुनगी पर बैठकर झूला झूलें उनका अरमान है कि वे नीले आसमान में दूर-दूर तक उड़ते हुए आकाश की सीमा तक पहुँच जाएँ। इस कोशिश में क्षितिज से मुकाबला करते हुए उसका अंतिम छोर ढूंढ़ निकालें या अपने प्राण त्याग दें।

() पक्षी मनुष्यों से क्या चाहते हैं?
उत्तर-पक्षी मनुष्यों से चाहते हैं कि उसे स्वतंत्र होकर उड़ान भरने दें। वह इसके बदले अपना घोंसला और टहनी का अपना आश्रय भी देने को तैयार हैं। वे हम लोगों से यह प्रार्थना करते हैं कि उन्हें ईश्वर ने जब उड़ने के लिए पंख दिए हैं तो मानव उनकी उड़ान में विघ्न डालें और उन्हें स्वतंत्र रूप से उड़ने दें।

() यह कविता हमें किस बात के लिए प्रेरित करती है?
उत्तर-यह कविता हमें इस बात के लिए प्रेरित करती है कि बंधन में रखकर हमें कितनी भी सुविधाएँ क्यों दी जाएँ, सभी व्यर्थ होती हैं। स्वतंत्र जीवन में ही हम अपनी इच्छा से सभी काम कर सकते हैं, जबकि पराधीनता में दूसरों की इच्छाओं को मानना पड़ता है।